हफ्ते में तीन बार मीट खाने से, 9 तरह की बीमारियां होने का खतरा: रिसर्च

हफ्ते में तीन बार मीट खाने से, 9 तरह की बीमारियां होने का खतरा: रिसर्च

सेहतराग टीम

जो नॉन- वेजीटेरियन होते हैं वो अक्सर मीट खाते हैं। कई लोग तो मीट खाने के इतने शौकीन होते हैं कि रोजाना मीट खाना चाहते हैं। लेकिन हाल ही में की गई  रिसर्च में बताया गया कि नियमित तौर पर मीट खाने से 9 तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। यह रिसर्च ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में की गई।

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आपको बता दें यूके में रिसर्च करने वालों ने मीट और नौ तरह की बीमारी के सीधे लिंक के बारे में अपनी स्टडी लोगों के सामने रखी है। इस रिसर्च के अनुसार, जो लोग रोजाना या नियमित तौर पर मीट खाते हैं, उन्हें डायबिटीज, ह्रदय रोग, निमोनिया और अन्य कई गंभीर रोग होने का खतरा रहता है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) क्या कहता है?

ऐसा नहीं है कि इससे पहले मीट और इससे जुड़े गंभीर रोगों पर रिसर्च नहीं किया गया है। पहले किए गए कई रिसर्च स्पष्ट तौर पर खुलासा कर चुके हैं कि रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट के ज्यादा सेवन से बॉवेल कैंसर होने का खतरा रहता है। लेकिन इस रिसर्च में पहली बार मीट खाने वालों की सेहत को डायबिटीज, ह्रदय रोग और निमोनिया से जोड़ा गया है।

यहां रिसर्च करने वालों ने अपने रिसर्च में पाया कि यदि कोई व्यक्ति सप्ताह में तीन दिन पोल्ट्री मीट या प्रोसेस्ड मीट का सेवन करता है तो उसे नौ तरह की बीमारियां होने का खतरा हो सकता है। इस रिसर्च के बाद लोगों का ध्यान वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के उस दावे पर गया, जिसमें यह कहा गया था कि अत्यधिक मीट का सेवन करने वालों की सेहत को खतरा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने यह बात उन लोगों के लिए खास तौर पर की थी जो रेड और प्रोसेस्ड मीट ज्यादा खाते हैं।

यूके में रिसर्च करने वालों ने 8 साल तक करीब 5 लाख लोगों को अपनी स्टडी का हिस्सा बनाया। इसके बाद ही उन्होंने यह बात सामने रखी। इन 5 लाख लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड को अलग- अलग अस्पतालों से लिए गया। उनकी डाइट और मेडिकल इतिहास को ध्यान में रखते हुए इस स्टडी को किया गया। इस विश्लेषण में पाया गया कि जिन लोगों ने सप्ताह में तीन बार या इससे अधिक बार मीट का सेवन किया, उनके स्वास्थ्य पर उन लोगों के बजाय ज्यादा प्रभाव पड़ा जिन्होंने मीट का सेवन नहीं किया था।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नफ्फील्ड डिपार्टमेंट ऑफ पॉपुलेशन हेल्थ के डॉक्टर करेन पेपियर के अनुसार, वह व्यक्ति जो रोजाना 70 ग्राम अनप्रोसेस्ड रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट का सेवन रोजाना करता है, उसे 30 फीसद डायबिटीज होने का जोखिम अधिक रहता है। इन लोगों को ह्रदय रोग होने का जोखिम 15 फीसद अधिक रहता है। इसी तरह, रोजाना 30 ग्राम पोल्ट्री मीट के सेवन से डायबिटीज का जोखिम 14 प्रतिशत ज्यादा रहता है और गैस्ट्रोएसोफेगेल रिफ्लेक्स का खतरा 17 प्रतिशत ज्यादा रहता है।

ज्यादा जोखिम क्यों है

डॉक्टर करेन की मानें तो रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट में अधिक सैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो बॉडी में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन की मात्रा को बढ़ा देते हैं। इस तरह से बैड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ जाता है और कई गंभीर ह्रदय रोग होने का जोखिम भी।

रोजाना रेड मीट खाने से हो सकती हैं ये नौ बीमारियां

ह्रदय रोग, डायबिटीज, निमोनिया, कोलोन पॉलिप, गैस्ट्रोएसोफेगेल रिफ्लेक्स, डायवर्टिकुलर बीमारी, गैस्ट्रिक, गॉल ब्लैडर रोग और ड्यूओडेनिटिस।

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